प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना

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प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना

Benefit : मछुआरों को मिलेगा लाभ





Speciality : 55 लाख को मिलेगा रोजगार।







क्या है ई-गोपाला ऐप?





देश के मछुआरों और मछली उत्पादन के क्षेत्र से जुड़े कारोबारियों के लिए उपयोगी इस एप पर उन्हें मछली की नस्ल सुधार से लेकर उत्पादन में वृद्धि और बेहतर कीमत के लिए बाजार से जुड़ी सूचनाएं उपलब्ध कराई गईं हैं।







कितना है बजट?





प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत 20 हजार करोड़ रुपये का फंड बनाया गया है। यह मत्स्य पालन क्षेत्र में अब तक का सबसे बड़ा फंड है। इसमें मरीन, इनलैंड फिशरीज और एक्वाकल्चर में लगभग 12340 करोड़ रुपए और फिशरीज इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए लगभग 7710 करोड़ रुपये के निवेश का प्रावधान किया गया है।







किसे मिलेगा लाभ?





1. मत्स्य संपदा योजना का लाभ केवल मछुआरा समुदाय से संबंध रखने वाले लोगों को मिलेगा। 2. समुद्री यानी जलीय क्षेत्रों से संबंध रखने वाले और जलीय कृषि का कार्य करने वाले मछली उत्पादक इस योजना के पात्र होंगे। 3. समुद्री तूफान, बाढ़, चक्रवात जैसी किसी प्राकृतिक आपदा से प्रभावित मछुआरों को भी इसका फायदा मिलेगा। 4. योजना के तहत मछली पालने वाले किसानों को 3 लाख रुपए का लोन मिलेगा। 5. मछलीपालन को सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड से भी जोड़ दिया है।







क्या है उद्देश्य?





1. मछली उत्पादन, नस्ल सुधार, भंडारण, परिवहन एवं विक्रय क्षेत्र में बुनियादी ढांचा मजबूत करने के लिए आवश्यकतानुरूप निवेश मुहैया कराना। 2. मुख्य रूप से रोजगार बढ़ाने से जुड़ी गतिविधियों जैसे समुद्री शैवाल और सजावटी मछली की खेती पर विशेष ध्यान देना। 3. मछलियों की गुणवत्ता वाली प्रजातियों की नस्ल तैयार करने तथा उनकी विभिन्न प्रजातियां विकसित करने के लिए जरूरी बुनियादी ढाँचे के विकास और विपणन नेटवर्क पर विशेष ध्यान केंद्रित करना। 4. देश में नीली क्रांति (ब्ल्यू रेवेल्यूशन) लाने की इस योजना में मछली पालन और विपणन के ढांचे को सशक्त बनाने के लिए अपेक्षित नई जरूरतो को भी शामिल किया गया है। इनमें प्रमुख रूप से मछली पकड़ने के जहाजों का बीमा, मछली पकड़ने वाले जहाजों-नावों के उन्नयन हेतु सहायता, बायो-टॉयलेट्स, लवण- क्षारीय जल क्षेत्रों में भी जलीय कृषि को बढ़ावा देना, मत्स्य पालन और जलीय कृषि स्टार्ट-अप्स, इन्क्यूबेटर्स, एक्वाटिक प्रयोगशालाओं के नेटवर्क और उनकी सुविधाओं का विस्तार, ई-ट्रेडिंग-विपणन, मत्स्य प्रबंधन योजना आदि शामिल है।







लाभ के लिए कौन-कौन पात्र?





योजना का लाभ लेने के लिए मछुआरे, मत्स्य पालक, मछली बेचने वाले, स्वयं सहायता समूह, मत्स्य उद्यमी, निजी फर्म, फिश फार्मर प्रोड्यूसर आर्गेनाइजेशन/कंपनीज, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और महिलाएं योजना में शामिल गतिविधियों के लिए आवेदन कर सकती हैं।







आवेदन की प्रक्रिया?





योजना के लाभ के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन करने के लिए वेबसाइट http://nfdb.gov.in/ पर उपलब्ध मत्स्य समृद्धि फार्म ऑनलाइन भरने के साथ अपना फोटो, आधार कार्ड, निर्धारित प्रारूप पर 100 रुपए के स्टाम्प पर नोटरी प्रमाणपत्र अटैच करना होगा।। यदि बैंक से लोन लेना चाहते हैं तो बैंक का अग्रिम स्वीकृति पत्र व जमीन संबंधी अभिलेख अपलोड करना होगा। योजना के लाभार्थियों का चयन पहले आओ पहले पाओ के अनुसार किया जाएगा।