कैसे चलेगा नए वैरिएंट का पता: मंत्री का ऐलान, 5 महीने बाद भी एमपी में नहीं खुली लैब

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भोपाल। कोरोना की तीसरी लहर (Third wave of corona) का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। लेकिन कोरोना पॉजीटिव (Corona positive) मामलों की जीनोम सीक्वेंसिंग (Genome sequencing) की न तो प्रदेश में कोई व्यवस्था न ही कोई लैब है। जांच सुविधा न होने से प्रदेश के सैंपल नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (NCDC) दिल्ली भेजे जा रहे है। जिसकी रिपोर्ट महीने भर बाद भी नही मिल पा रही है। 5 महीने पहले 25 जून 2021 को प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सांरग (Medical Education Minister Vishwas Sarang) ने दिल्ली की (एनसीडीसी) के सहयोग से भोपाल के कमला नेहरू अस्पताल (Kamala Nehru Hospital) में जीनोम सीक्वेंसिंग लैब खोले जाने की घोषणा की थी। लेकिन 5 महीने गुजर जाने के बाद भी जीनोम सीक्वेंसिंग लैब घोषणा से ज्यादा कुछ नही है। वही हेल्थ डिपार्टमेंट (Health Department) ने आरटीपीसीआर (RTPCR) के हर पॉजिटिव सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग की अनिवार्यता का फरमान जारी कर दिया है जबकि मध्यप्रदेश के किसी भी शहर और बड़े संस्थान में अभी इस जांच की सुविधा ही नहीं है ऐसे में समझा जा सकता है की सरकार के दावों और हेल्थ डिपार्टमेंट जमीनी हकीकत क्या है।