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Mahadev Satta App case: छत्तीसगढ़ में बहुचर्चित महादेव सट्टा ऐप घोटाले में फंसे शेयर ब्रोकर गोविंद केडिया को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली है। रायपुर स्थित विशेष पीएमएलए कोर्ट से रिमांड पर भेजे गए आरोपी की जमानत याचिका को जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल की सिंगल बेंच ने 5 अगस्त 2025 को खारिज कर दिया।
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ED पर लगाए आरोप,कोर्ट ने नहीं मानी दलीलें
केडिया की ओर से सीनियर एडवोकेट किशोर भादुड़ी ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की थी। याचिकाकर्ता ने दावा किया कि उसे झूठे आरोप में फंसाया गया है और ED केवल दूसरे आरोपियों के बयान के आधार पर उसे आरोपी बना रही है। साथ ही यह भी कहा गया कि उसके खिलाफ कोई प्रत्यक्ष साक्ष्य नहीं है।
काले धन को सफेद बनाने में था शामिल
ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की ओर से जमानत का कड़ा विरोध किया गया। ईडी ने अदालत को बताया कि गोविंद केडिया महादेव सट्टा ऐप के प्रमोटर के रूप में कार्य कर रहा था और मुख्य आरोपी विकास छापरिया से उसका सीधा संबंध है। उसने ऐप के जरिए ब्लैक मनी को व्हाइट करने की रणनीति और लेन-देन में अहम भूमिका निभाई थी।
अब तक की कार्यवाही:
- 7 दिसंबर 2024: केडिया को ईडी ने गिरफ्तार कर विशेष पीएमएलए कोर्ट में पेश किया।
- 24 जुलाई 2025: याचिका पर सुनवाई हुई, फैसला सुरक्षित रखा गया।
- 5 अगस्त 2025: हाईकोर्ट ने जमानत याचिका खारिज कर दी।
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महादेव सट्टा ऐप केस
क्या है महादेव सट्टा ऐप घोटाला?1. महादेव सट्टा ऐप: 2. हजारों करोड़ का अवैध लेनदेन: 3. हाई-प्रोफाइल आरोपी और प्रमोटर्स: इस घोटाले के मुख्य आरोपी सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल हैं, जिन्होंने दुबई से बैठकर ऐप को ऑपरेट किया। इसके अलावा बॉलीवुड हस्तियों, ब्रोकरों, नेताओं और अधिकारियों से भी संबंधों की जांच चल रही है। 4. ऐप के प्रमोशन में हुआ ग्लैमर का इस्तेमाल: महादेव ऐप के प्रमोटरों ने बॉलीवुड सेलिब्रिटीज़ की मदद से ऐप का प्रचार किया। शादी, ईवेंट्स और ब्रांडिंग के नाम पर मोटी रकम खर्च की गई, ताकि इसे वैध और प्रभावशाली दिखाया जा सके। 5. ED और पुलिस की बड़ी कार्रवाई: |
गोविंद केडिया की जमानत खारिज
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न्यायालय का रुख सख्त
कोर्ट ने माना कि याचिकाकर्ता की भूमिका गंभीर है और जांच प्रभावित होने की आशंका है। इस आधार पर उसे अग्रिम या नियमित जमानत देने से इनकार कर दिया गया।
यह मामला छत्तीसगढ़ में चल रहे महादेव सट्टा ऐप घोटाले की जड़ों को और गहराई से उजागर कर रहा है, जहां कई सफेदपोश लोगों की संलिप्तता सामने आ रही है।
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