निगम बिल घोटाले में इंजीनियर अभय राठौर 10 हजार का ईनामी आरोपी घोषित

इंदौर नगर निगम में पदस्थ अभय राठौर साल 2000 से ही निगम के असरदार अधिकारियों के रूप में जाना जाता है। अभय राठौर जिस भी विभाग में रहा लगातार भ्रष्टाचार किया, यहां तक की सस्पेंड भी हुआ। आपको बताते हैं राठौर के घोटाले की कहानी...

author-image
Jitendra Shrivastava
New Update
thesootr
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर में करीब 150 करोड़ के नगर निगम बिल घोटाले ( corporation bill scam ) में पूर्व निगमायुक्त का चहेता इंजीनियर अभय राठौर अब पुलिस की नजर में दस हजार का ईनामी फरार आरोपी घोषित हो गया है। डीसीपी जोन 3 पंकज पाण्डेय ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि है अब राठौर पर दस हजार का ईनाम घोषित कर दिया गया है। 

पुलिस ने घर पर भी दबिश दी, नहीं मिला

गुरुवार को पुलिस ने उसके घर पर भी दबिश दी, लेकिन वह नहीं मिला है। कई और जगह पर टीम लगातार जांच कर रही है और वह अभी तक पुलिस से बचता फिर रहा है। डीसीपी ने कहा कि वह जल्द ही पकड़ में आएगा और टीम लगातार हर संभव जगह और जहां की भी सूचना आ रही है उसकी सर्च कर रही है। 

दो और फर्म जांच में, इनकी फाइल पुलिस ने बुलाई

उधर पुलिस की जांच और पूछताछ में पांच फर्म के ठेकेदारों ने बताया कि केवल हम नहीं और भी फर्म है जो फर्जी बिल के काम में लगी है। इसमें ईश्वर और क्रिस्टल फर्म का नाम आया है। इसके बाद पुलिस ने इनकी भी फाइल नगर निगम से मांगी है। इसके पहले ग्रीन, किंग, नींव, क्षितिज और जान्हवी फर्म के संचालक आरोपी बन चुके हैं। साथ ही नगर निगम के सब इंजीनयर उदय भदौरिया, कम्प्यूटर इंट्री ऑपरेटर चेतन भदौरिया औऱ् क्लर्क राजकुमार साल्वी को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। उधर ऑडिट विभाग के तीन अधिकारियों पर कार्रवाई के लिए निगम शासन को पत्र भेज चुका है तो वहीं लेखा विभाग को दो कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की गई है। 

अभय राठौर के घोटाले की लंबी है कहानी

राठौर का इंदौर नगर निगम में सफर 1988 से मात्र एक मस्टरकर्मी से शुरू हुआ था। इस पर एक बार नहीं कई बार भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं और यहां तक कि 6 साल पहले EOW ने भी घर पर छापा मारकर 19 करोड़ की संपत्तियों को उजागर किया था। पूर्व निगमायुक्त यानी साहब के चहेते इस अधिकारी की हरकतें कभी भी निगम में काम करने लायक ही नहीं थी। इस बार एक नहीं भ्रष्टाचार के कई मामले हैं। जिस इलेक्ट्रिकल इंजीनियर के डिप्लोमा सर्टिफिकेट से सहायक इंजीनयर और फिर इंजीनयर बना, उस पर भी कई बार सवाल उठे हैं। 

जिस भी विभाग में रहा लगातार भ्रष्टाचार किया, सस्पेंड हुआ... 

  1. जल यंत्रालय में सब इंजीनियर रहते हुए कर्मचारियों से मिलीभगत कर खुद ही कई कामों की फर्जी फाइल बनाई और उस पर निगमायुक्त के दस्तखत तक कला लिए। परिषद ने तब 2001 में एफआईआर के आदेश दिए, लेकिन जांच अधूरी रही और मामला दब गया।
  2. नगर निगम में ट्यूबवेल के नाम पर लाखों का भुगतान हुआ, जो हुए ही नहीं थे। यह काम भी कागजों पर हुआ, इसमें भी राठौर का नाम आया।
  3. साल 2004 में विद्युत विभाग भी इसके पास था। फाइल संबंधी गड़बड़ी की शिकायतें यहां भी आई, इसके बाद हटाया गया और टैंकर प्रभारी बना दिया।
  4. इसके बाद चांदी हो गई, कई फर्जी टैंकर कागजों पर चलना बताया और करोड़ों का घोटाला किया। जब ईओडब्ल्यू का छापा हुआ था तब कुछ ठिकानों से रसीदें भी मिली थी जो टैंकर भुगतान से जुड़ी बताई गई थी। 
  5. साल 2005 में लोकायुक्त में शिकायत हुई थी कि राठौर ने बोरिंग खुदाई में फर्जी बिल लगाए। जांच होने से पहले ही बोरिंग शाखा में आग लग गई और दस्तावेज जल गए।
  6. साल 2007-08 में राठौर यशवंत सागर के फूलकलालिया पंपिंग स्टेशन से 100 टन पाइप गायब होने के मामले में भी सस्पेंड हुआ।
  7. साल 2010-11 में यातायात सामग्री खरीदी भुगतान को लेकर सवा दो करोड़ के ट्रैफिक घोटाले में भी नाम आया, लेकिन बच गया।

छापे में यह संपत्ति मिली थी 

राठौर के यहां ईओडब्ल्यू के छापे में 19 करोड़ की संपत्ति पाई गई थी। यह कार्रवाई करीब 6 साल पहले हुई थी। साथ ही 15 बैंक में कुल 40 खाते पाए गए थे। मकान, प्लॉट, बंगला, नकदी, जेवर सब मिला था। संपत्ति परिवार और रिश्तेदारों के नाम पर निकली थी। 

साल 2000 से ही असरदार अधिकारियों में शामिल राठौर

राठौर साल 2000 से ही निगम के सबसे ज्यादा असरदार अधिकारियों के रूप में जाना जाता है। जेएनएनयूआरएम में 300 करोड़ के सीवरेज लाइन डालने के प्रोजेक्ट में यह शामिल रहा। स्वच्छ भारत मिशन के तहत शहर में सार्वजनिक शौचालय बनाने का काम भी इसी के पास था। इसी दौरान यह पांचों फर्जी फर्म ग्रीन कंस्ट्रक्शन, नींव कंस्ट्रक्शन, किंग कंस्ट्रक्शन, क्षितिज इंटरप्राइजेस और जान्हवी इंटरप्राइजेस इनके संपर्क में आई और जब फिर विवादों के बाद इसे ड्रेनेज से हटा गया तो इन कंपनियों के जरिए नया यह 150 करोड़ का घोटाला कर डाला।

इंदौर नगर निगम निगम बिल घोटाले Corporation bill scam अभय राठौर