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मध्यप्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में बुधवार (6 अगस्त) को मध्यप्रदेश मोटर यान कराधान संशोधन विधेयक 2025 पारित किया गया। इस विधेयक के तहत, सरकार ने वाहनों पर बकाया टैक्स पर 4 गुना पेनाल्टी लगाने का प्रस्ताव रखा है। कांग्रेस ने इस विधेयक का कड़ा विरोध किया और आरोप लगाया कि यह नया प्रस्ताव जनता पर अतिरिक्त बोझ डालेगा, जिसे लोग नहीं भर पाएंगे।
मोटर यान विधेयक में नई पेनाल्टी
विधानसभा में परिवहन मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने कहा कि अब तक वाहनों के बकाया टैक्स पर 4% पेनाल्टी लगती थी, जो लंबी दूरी के हिसाब से लागू होती थी। लेकिन नए विधेयक के तहत बकाया टैक्स पर 4 गुना पेनाल्टी लगाई जाएगी। यानी, पुराना बकाया होने पर अब चार गुना अधिक राशि वसूल की जाएगी। इसके अलावा, बसों और अन्य वाहनों में क्षमता से अधिक लोगों को बिठाने पर 1000 रुपए प्रति सीट पेनाल्टी वसूली जाएगी।
बढ़ी हुई राशि से होगा अधिक भ्रष्टाचार
विधानसभा में विधेयक पर चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायक बाला बच्चन ने कहा कि भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर संभागों में वाहनों पर ढाई हजार करोड़ रुपए के टैक्स बकाया हैं। उन्होंने सवाल किया कि सरकार इसे क्यों नहीं वसूल पा रही है। इसके साथ ही कांग्रेस विधायक भंवर सिंह शेखावत ने आरटीओ दफ्तरों में एजेंटों की बढ़ती संख्या पर सवाल उठाए। उनका कहना था कि वाहनों के टैक्स को लेकर भ्रष्टाचार बढ़ रहा है और यह नए प्रस्ताव से और अधिक बढ़ेगा।
परिवहन मंत्री का भ्रष्टाचार पर जवाब
इस पर जवाब देते हुए परिवहन मंत्री ने कहा कि यह कदम केंद्र सरकार के निर्देशों के अनुरूप उठाया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में वाहन टैक्स की दरें अन्य राज्यों से काफी कम हैं, और यह पेनाल्टी व्यवस्था भ्रष्टाचार को रोकने के लिए बनाई गई है। इसके अलावा, ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को घर पर पहुंच सेवा के रूप में लागू किया जाएगा। इससे लोगों को दफ्तर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
सिंघार ने सरकार की नीतियों पर उठाए सवाल
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने चारों विधेयकों पर चर्चा करते हुए सदन में एक जरूरी सवाल उठाया। उन्होंने कहा, हमारे पास नियम और कानून बनाने का अधिकार है, लेकिन इस प्रक्रिया में हमें आम जनता के हितों को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए। सिंघार ने स्टांप ड्यूटी बढ़ाने के मुद्दे पर तंज करते हुए पूछा, क्या उन लोगों से राय ली गई है जो स्टांप ड्यूटी भरते हैं?
उन्होंने यह भी कहा कि एक ओर तो यह कहा जाता है कि हम टैक्स नहीं बढ़ा रहे, लेकिन दूसरी ओर ऐसे शुल्क बढ़ाए जा रहे हैं जो सीधे जनता की जेब पर असर डालते हैं। इस पर उन्होंने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए स्पष्ट किया कि ये निर्णय जनता की राय के बिना नहीं किए जा सकते।
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कांग्रेस विधायक खाकी वर्दी पहनकर पहुंचे विधानसभा
इससे पहले, केवलारी से कांग्रेस विधायक रजनीश सिंह खाकी वर्दी पहनकर विधानसभा पहुंचे और हाथों में तख्ती लेकर पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप लगाया। उन्होंने सरकार से इस मामले की जांच कराने की मांग की। भाजपा विधायक रीति पाठक ने इस प्रदर्शन पर टिप्पणी करते हुए कहा कि कांग्रेस वाले विकास के मुद्दे पर बात नहीं करते हैं, बल्कि विरोध प्रदर्शन और नारेबाजी में लगे रहते हैं।
6 अगस्त को विधानसभा में 8 विधेयकों पर हुई चर्चामध्य प्रदेश विधानसभा में बुधवार (6 अगस्त) कई अहम विधेयकों पर चर्चा की गई। इनमें से प्रत्येक विधेयक राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में सुधार और समृद्धि लाने के उद्देश्य से लाया गया है। यह विधेयक निम्नलिखित हैं-
इन विधेयकों का उद्देश्य राज्य की न्याय व्यवस्था, कराधान प्रक्रिया, और प्रशासनिक कार्यों में सुधार करना है, जिससे प्रदेश के नागरिकों को अधिक सुविधाएं और न्याय मिल सके। |
भारतीय स्टांप संशोधन विधेयक पर सवाल
कांग्रेस विधायक बाला बच्चन ने भारतीय स्टांप संशोधन विधेयक पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में 5442 करोड़ रुपए की राशि लैप्स हो गई, जिसे सरकार खर्च नहीं कर पाई। इसके अलावा, उन्होंने स्टांप ड्यूटी बढ़ाने की प्रक्रिया को भी जनता पर अतिरिक्त बोझ डालने वाला बताया।
मंत्री की स्पीच पर कांग्रेस ने की आपत्ति
राज्यमंत्री गौतम टेटवाल ने जब अपनी स्पीच दी, तो कांग्रेस ने इसका विरोध किया और आरोप लगाया कि सरकार समाज के कमजोर वर्गों के लिए ठीक से काम नहीं कर रही है। मंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने समाज के कमजोर वर्गों के लिए कई योजनाएं लागू की हैं, लेकिन कांग्रेस विधायक फूल सिंह बरैया ने इस पर आपत्ति जताई और कहा कि यह सिर्फ दिखावा है।
शिप्रा नदी में प्रदूषण पर विधायक ने उठाए सवाल
विधायक गायत्री राजे पवार ने विधानसभा में शिप्रा नदी में प्रदूषण का मामला उठाया। उनका कहना था कि देवास जिले से बहने वाली नागधमन नदी में केमिकलयुक्त पानी मिल रहा है, जो शिप्रा नदी में जाकर मिल रहा है और इससे जल प्रदूषण बढ़ रहा है। उन्होंने सरकार से इस पर कार्रवाई की मांग की।
मंत्री दिलीप अहिरवार ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इस पर काम कर रहा है, लेकिन पवार ने बड़े एटीपी प्लांट की मांग की है, ताकि छोटे उद्योग प्रदूषण नियंत्रण का सही तरीका अपना सकें।
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